Site icon

Kartavya Bhavan का उद्घाटन: अब एक ही छत से होगा देश का प्रशासन।

Kartavya Bhavan का उद्घाटन:

आज दिनांक 6 अगस्त 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में Kartavya Bhavan का उद्घाटन किया, जो हमारे देश भारत का साझा केंद्रीय प्रशासनिक भवन होगा। यह भवन 51 मंत्रालय विभागों का साझा मंत्रालय भवन होगा। यह भवन नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित है जिसका निर्मित आकार लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर है जिसमें 40,000 वर्ग मीटर का बेसमेंट है।

Kartavya Bhavan का उद्घाटन दोपहर 12:15 बजे हुआ, जिसके बाद शाम 6:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया गया। इतने विशाल भवन के निर्माण का उद्देश्य देश की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों को एक ही छत के नीचे लाना है। पूरी इमारत जून 2027 तक पूरी तरह से बनने की उम्मीद है।

Kartavya Bhavan उद्घाटन समारोह की झलक

यह ऐतिहासिक क्षणों में से एक है कि पूरे देश को एक ही इमारत की एक ही छत से नियंत्रित और प्रशासित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण उद्घाटन समारोह को देखने के लिए केंद्रीय आवास, शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न मंत्रालयों के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “अटूट प्रतिबद्धता” का प्रतीक बताया, जो कुशल शासन और राष्ट्रीय विकास में भूमिका निभाएगा। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भवन का भ्रमण किया और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव कटिकिथला श्रीनिवास से भवन की विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

Kartavya Bhavan की खास विशेषताएं

भवन का आकार:

यह भवन लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है और इसमें 9 स्तर हैं, जिनमें 2 बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर के अलावा 6 मंजिलें शामिल हैं।

कर्तव्य भवन की क्षमता:

यह भवन इतना विशाल है कि इसमें एक ही छत के नीचे 51 मंत्रालय और विभाग समा सकते हैं।

facilities of Kartavay Bhavan: कर्तव्य भवन की सुविधाएं:

भवन में 24 बड़े सम्मेलन कक्ष, 26 छोटे कमरे और 67 बैठक कक्ष हैं, जिनमें 27 लिफ्ट हैं।

design of kartavaya bhavan: कर्तव्य भवन का डिजाइन:

इस भवन को शीर्ष स्तरीय हरित भवन प्रमाणीकरण के साथ 4 रेटिंग भवन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें हरित वातावरण होगा।

Renewable Energy | नवीकरणीय ऊर्जा

भवन की छत सौर पैनल से ढकी होगी, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 5.34 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न होगी। इसके अलावा सौर जल तापन प्रणालियां भी होंगी।

Eco-Conscious Infrastructure | शून्य सचेतन बुनियादी ढांचा

भवन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें वर्षा जल संचयन प्रणाली, शून्य निर्वहन अपशिष्ट प्रबंधन होगा, जिससे क्षेत्र को स्वच्छ रखा जा सके तथा आंतरिक अपशिष्ट प्रसंस्करण प्रणाली भी होगी। भवन में 120 ईवी चार्जिंग स्टेशन भी होंगे।

Security and Tech Integration: सुरक्षा और तकनीकी एकीकरण

चूंकि यह देश की सबसे महत्वपूर्ण इमारतों में से एक होगी, इसलिए इसमें आईडी कार्ड आधारित प्रवेश के साथ उच्च तकनीक सुरक्षा प्रणाली होगी। भवन को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के साथ एकीकृत किया जाएगा। साथ ही भवन में कमांड सेंटर होगा जो भवन संचालन के लिए केंद्रीकृत नियंत्रण होगा।

पुरानी इमारतों से बदलाव

सीसीएस CCS (कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट) की चल रही परियोजना का मुख्य उद्देश्य नॉर्थ और साउथ ब्लॉक जैसी पुरानी ब्रिटिशकालीन इमारतों को बदलना है। इन पुरानी ब्रिटिशकालीन इमारतों को ‘युगीन युगीन भारत’ राष्ट्रीय संग्रहालय में तब्दील किया जाएगा।

राष्ट्रीय और सांस्कृतिक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भवन का नाम कर्तव्य भवन Kartavya Bhavan क्यों रखा गया। यह नाम लंबे और गहन चिंतन के बाद चुना गया था। “कर्तव्य” नाम का अर्थ है ‘कर्तव्य’, जो भगवद् गीता से लिया गया है, जहाँ भगवान कृष्ण सिखाते हैं कि व्यक्ति को परिणाम की आसक्ति के बिना कर्म करना चाहिए। यह भारत के लोकतंत्र और संविधान के मूल मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है। मोदी ने कहा, “कर्तव्य केवल ज़िम्मेदारी नहीं है – यह हमारे कर्म दर्शन का सार है। यह वह शक्ति है जो करुणा को प्रतिबद्धता से जोड़ती है।”

भारत के एक नई शुरुआत

मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि कर्तव्य भवन औपनिवेशिक अतीत से एक विराम का प्रतिनिधित्व करता है। दशकों तक, भारत के मंत्री शास्त्री भवन और निर्माण भवन जैसी ब्रिटिशकालीन इमारतों से काम करते रहे।Kartavya Bhavan एक आधुनिक, भारत-निर्मित शासन केंद्र के रूप में खड़ा है, जो देश की आत्मनिर्भरता और भविष्य के भारत के लिए उसके दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसलिए, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की सामूहिक यात्रा के हिस्से के रूप में इस परिवर्तन को अपनाने का आग्रह किया।

अस्वीकरण: यह लेख इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है। इसमें त्रुटियाँ हो सकती हैं। इस लेख का उद्देश्य जानकारी प्रदान करना है न कि किसी की भावना को ठेस पहुँचाना।

यह भी पढ़ें : दिशोम गुरु सिबू सोरेंग – झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री का 81 वर्ष की आयु में निधन।

Exit mobile version