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GST 2.0: कौन-से सामान होंगे सस्ते, कितनी मिलेगी राहत—पूरी जानकारी यहां

भारत के कर प्रणाली में एक बड़ा बदलाव GST 2.0 के रूप में सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह सुधार किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) और आम जनता के लिए राहत लेकर आएगा।

GST 2.0 का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और उपभोक्ता हितैषी बनाना है। पीएम मोदी ने इसे देश के लिए एक “दीवाली का तोहफ़ा” बताया। इस सुधार के तहत वर्तमान 12% और 28% कर दरों को बदलकर 5% और 18% करने की योजना बनाई गई है, जिससे कर ढाँचा अधिक संतुलित और सभी वर्गों के लिए लाभकारी हो सके।

GST 2.0 क्या है और क्यों है चर्चा में?

GST 2.0 सरकार का अगला बड़ा सुधार है, जो मौजूदा बहु-स्तरीय कर ढाँचे (5%, 12%, 18%, 28%) को बदलकर एक सरल संरचना में लाएगा। नए ढाँचे में केवल 5%, 18% और 40% की दरें होंगी। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को आसान बनाना, कारोबारियों व उपभोक्ताओं का बोझ कम करना और खपत को बढ़ावा देना है।

यह चर्चा में इसलिए है क्योंकि इसे 22 सितंबर, नवरात्रि से ठीक पहले लागू करने की तैयारी है। त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ाने और वैश्विक व्यापार दबाव को संतुलित करने के लिए इसे अहम कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में “डबल दिवाली गिफ्ट” कहा था, जिसके बाद यह देशभर में ट्रेंड कर रहा है।

कौन-से सामान होंगे सस्ते:

GST 2.0 के तहत भारत एक सरल कर ढाँचे की ओर बढ़ रहा है, जिससे रोज़मर्रा की ज़रूरतों की कई चीज़ों की कीमतें कम हो सकती हैं। मौजूदा चार स्लैब प्रणाली (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर केवल दो मुख्य दरें रखी जाएँगी – 5% आवश्यक वस्तुओं पर और 18% अधिकांश अन्य वस्तुओं पर। खास बात यह है कि जो सामान पहले 12% पर टैक्स के दायरे में आते थे, अब उन पर केवल 5% जीएसटी लगेगा। इनमें शामिल हैं:

GST 2.0 के तहत सिर्फ आवश्यक वस्तुएँ ही नहीं, बल्कि महंगी श्रेणी में आने वाले कई उत्पादों पर भी टैक्स घटाया जाएगा। जिन सामानों पर अभी 28% जीएसटी लगता है, उन्हें घटाकर 18% स्लैब में लाया जाएगा। इसमें शामिल हैं:

इसके अलावा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स 18% से घटाकर 5% या शून्य तक किया जा सकता है। साथ ही मोबाइल फोन बिल और अन्य टेलीकॉम सेवाओं पर भी उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।

कौन-से सामान होंगे महंगे:

GST 2.0 के तहत जहाँ कई सामान सस्ते होंगे, वहीं कुछ उत्पादों की कीमतें और बढ़ सकती हैं। इसके पीछे कारण है नया 40% “सिन टैक्स” स्लैब, जिसे सरकार ने उन वस्तुओं पर लगाया है जो हानिकारक या गैर-जरूरी मानी जाती हैं। इस कदम का उद्देश्य इनकी खपत को कम करना और साथ ही राजस्व को बढ़ाना है।

महंगे होने वाले उत्पाद (40% स्लैब):

कीमत बढ़ने के कारण:

GST 2.0 का बड़ा असर:

हालाँकि GST 2.0 को कर प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन इसका असर सभी पर समान नहीं होगा। कुछ वर्गों को नई व्यवस्था में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

सबसे बड़ी चुनौतियाँ जिनके सामने हैं:

छोटे व्यवसाय और MSMEs:

हेल्थकेयर सेक्टर:

दवा आपूर्ति का जोखिम:

आगे पढ़िए:

अस्वीकरण: यह लेख इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है। इसमें त्रुटियाँ हो सकती हैं। इसका उद्देश्य जानकारी देना है।

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