कन्नड़ अभिनेता मंगलुरु दिनेश, जिन्होंने चैप्टर 1 और 2 में KGF के Shetty का दमदार किरदार निभाया था, का निधन 25 अगस्त 2025 को हो गया। परिवार ने पुष्टि की कि उन्होंने कुंडापुरा अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बेंगलुरु में किया जाएगा, जहाँ उन्होंने अपने अभिनय करियर का अधिकांश समय बिताया और दर्शकों से अपार प्यार पाया।
KGF के Shetty मंगलुरु दिनेश की मौत का कारण
रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका निधन ब्रेन हैमरेज के कारण हुआ। बताया जा रहा है कि कांतारा की शूटिंग के दौरान उन्हें स्ट्रोक आया था। हालांकि शुरुआती दौर में वह अस्थायी रूप से ठीक हो गए थे, लेकिन अगले ही हफ्ते उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। वह कुंडापुरा के सर्जन अस्पताल में इलाज करा रहे थे। तमाम चिकित्सा प्रयासों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उन्हें घर ले जाया गया, जहाँ उन्होंने 25 अगस्त 2025 को सुबह 3:30 बजे अंतिम सांस ली।
दिनेश की अंतिम रस्में
RIP
Dinesh Mangaluru
Acted as Shetty from KGF #DineshMangaluru pic.twitter.com/ybrwHLc8kX— Hari K 👑 (@brahmi_fan) August 25, 2025
अभिनेता का अंतिम संस्कार 26 अगस्त 2025 को बेंगलुरु के सुमनहिल श्मशान घाट में किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर सुबह 8:00 बजे से लगेरे स्थित उनके आवास पर रखा गया, जहाँ प्रशंसक और शुभचिंतक उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस मौके पर कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के साथी कलाकारों, सहकर्मियों और बड़ी संख्या में प्रशंसकों ने एकजुट होकर उन्हें याद किया और बतौर अभिनेता और निर्देशक उनके योगदान को सम्मान दिया।
दिनेश मंगलुरु का अभिनय सफर
कुनापुर, उडुपी ज़िले में जन्मे दिनेश मंगलुरु की रचनात्मक यात्रा रंगमंच से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने अपनी कहानी कहने की कला और मंच पर प्रभावशाली उपस्थिति को निखारा। इसके बाद वे सिनेमा की ओर बढ़े और शुरुआत सहायक निर्देशक के रूप में की। धीरे-धीरे वे एक लोकप्रिय आर्ट डायरेक्टर बने और वीरा मदकरी तथा चंद्रमुखी प्रणसखी जैसी फिल्मों सहित 200 से अधिक परियोजनाओं में अपना योगदान दिया। अभिनय में उनकी पहचान तब और मजबूत हुई जब उनके KGF के Shetty चैप्टर 1 और 2 में —कुख्यात बॉम्बे डॉन और रॉकी के मेंटर—की भूमिका निभाई। इस किरदार ने उन्हें पैन-इंडिया स्तर पर पहचान और सराहना दिलाई।
दिनेश मैंगलोर की प्रसिद्ध फिल्में
मंगलुरु दिनेश एक बेहतरीन अभिनेता और प्रतिभाशाली निर्देशक हैं, जिनकी बहुमुखी कला ने उन्हें अलग-अलग शैलियों की फिल्मों में खास पहचान दिलाई है—चाहे वह गहन ड्रामे हों या रोमांटिक कहानियाँ। बतौर अभिनेता वे चैप्टर 1 और 2 में KGF के Shetty की भूमिका के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। इसके अलावा उलिदावरु कंदांथे (जिसे रक्षित शेट्टी ने निर्देशित किया) जैसी कल्ट क्लासिक फिल्म और सवारी (2009) जैसी ड्रामा फिल्मों में भी उनकी अभिनय क्षमता सामने आई। साथ ही, रंगितरंगा, किरिक पार्टी और भुवनम गगनम जैसी फिल्मों में भी उन्होंने यादगार भूमिकाएँ निभाई हैं।
निर्देशक के रूप में दिनेश ने भी अपनी अलग छाप छोड़ी है। उनकी पहचान जनुमदा जोगी से हुई, जो उनका स्वतंत्र आर्ट डायरेक्टर के रूप में पहला बड़ा प्रोजेक्ट था। इसके बाद उन्होंने वीरा मदकरी जैसी एक्शन-ड्रामा फिल्में और मोदला साला, ठुगलक तथा नम एरियल ओंदिना जैसी कहानियों से भरपूर फिल्में निर्देशित कीं। बतौर अभिनेता और निर्देशक उनका योगदान उनकी रचनात्मक गहराई और फिल्म इंडस्ट्री में स्थायी प्रभाव को दर्शाता है।
विरासत और अंतिम वर्ष
खतरनाक बीमारी से जूझने के बावजूद KGF के Shetty ने हमेशा फ़िल्म इंडस्ट्री और अपने साथियों के प्रति निष्ठा बनाए रखी। कहा जाता है कि कई बार शूटिंग के दौरान उन्हें अचानक स्ट्रोक आने के कारण सेट छोड़ना पड़ा। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत हमेशा याद की जाएगी। उनका पेशेवर समर्पण और सिनेमाई प्रतिभा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
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