Tehran पर US airstrike से हमला। क्या यह World War 3 का संकेत है?

22 June के सुबह-सबेरे Tehran पर US airstrike से हमला हुआ। Iran के राजधानी Tehran पर अमेरिकी B2 Bomber के अटैक ने पुरे दुनिया को चौका दिया है। B2 Bomber ने Iran के उन ठिकानो का निशाना बनाया जो नुक्लेयर बम को बनाया जा रहा था। जिसके बाद कई देशो ने इसे तृस्कार करते हुए अमेरिका को निंदा किया।

हमले के बाद Iran का साथ साथ कई Middle East के देशों जो जबाबी हमला और रिएक्शन था, उससे एक सवाल खड़ा हो गया की क्या यह World War 3 का संकेत है?

इस लेख के जारिए हम जानेगे इस हमले का बिस्तर बिबरण, हमले का कारण, शुरुआत और क्यों अमेरिका Iran -Israel War के बीच कूद पड़ा। किया अमेरिका के आगमन से World War 3 होने का संभावना हो सकता है।

क्यों अमेरिका ने Iran की राजधानी Tehran पर हवाई हमला किया?

अमेरिका ने तीन प्रमुख परमाणु स्थलों फोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान (Fordow, Natanz, Isfahan). हवाई हमले किया।

इस हमले का मुख्य उद्देश्य था –

ईरान के परमाणु हतियार कार्यक्र्म को रोकना

अमेरिका ने कहा कि Iran परमाणु हथियार के अंतिम चरण के बहुत करीब था। इसलिए अमेरिका ने इस गतिविधि को रोकने के लिए ईरान की राजधानी Tehran पर हमला किया।

दोनों के बीच राजनीतिक संवाद की विफलता

अमेरिका और ईरान के बीच चल रही बातचीत विफल हो गई थी। अमेरिका ने मान लिया था कि समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से नहीं हो सकता। इसलिए अमेरिका को मजबूरन ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का कदम उठाना पड़ा

ईरान की क्षेत्रीय गतिविधि

ईरान द्वारा सशस्त्र समूहों को समर्थन तथा मध्य पूर्व में उसकी व्यापक घुसपैठ को संयुक्त राज्य अमेरिका ने वैश्विक और क्षेत्रीय खतरा माना है।

कब शुरू हुआ Iran-Israel war?

ईरान और इजरायल के बीच 1979 से कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं और आधुनिक संबंध शत्रुतापूर्ण हैं। शीत युद्ध के अधिकांश समय तक यह संबंध सौहार्दपूर्ण था, लेकिन ईरानी क्रांति के बाद यह और खराब हो गया और 1991 में खाड़ी युद्ध की समाप्ति के बाद से यह खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण हो गया है।

जब इजरायल को कुछ जगहों पर परमाणु हथियार विकसित किए जाने की जानकारी मिली तो उसने 13 जून 2025 को हवाई हमला किया। बदले में ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ 100 मिसाइलें दागीं। तब से संघर्ष जारी है।

क्या ईरान पर अमेरिकी हवाई हमला World War 3 का संकेत है?

अमेरिका ने 22 जून 2025 को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया। यह हमला बहुत बड़ा था, लेकिन अभी तक इसे विश्व युद्ध 3 की शुरुआत नहीं माना गया है। हालांकि, इसके कारण कई बड़े खतरे पैदा हुए हैं:

ईरान का जवाबी हमला

ईरान ने तुरंत इज़राइल पर मिसाइलें दागी, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया।

अन्य देश भी शामिल हो सकते हैं

चीन और रूस ने अमेरिकी हमले की आलोचना की है। इससे ईरान का समर्थन करने वाले देशों का गठबंधन बन सकता है। अगर वे एक साथ आते हैं तो इससे विश्व संघर्ष हो सकता है।

तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर

ईरानी सरकार ने स्ट्रेट ऑफ़ होर्मुज (Strait of Hormuz) को बंद करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है जो तेल परिवहन का मार्ग है।

तेहरान पर अमेरिकी हवाई हमला तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह चेतावनी है कि एक परमाणु हथियार विश्व विनाश का कारण बन सकता है। लेकिन यह एक बहुत खतरनाक मोड़ है। अगर और देश इसमें सैन्य रूप से शामिल होते हैं, तो स्थिति World War 3  जैसी बन सकती है। इससे देशों के बीच तेल संकट पैदा हो जाएगा।

अस्वीकरण: यह लेख इंटरनेट और वेबसाइटों से प्राप्त विभिन्न जानकारी के आधार पर लिखा गया है। इसमें त्रुटि हो सकती है। इस लेख का उद्देश्य जानकारी देना है।

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