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Satya Nadella….Satya Nadella …Satya Nadella: आखिर क्यों हर कोई Satya Nadella के बारे में बात कर रहा है?

Satya Nadella ट्रेंड में क्यों हैं?

Satya Nadella इस समय सुर्खियों में हैं, क्योंकि उन्होंने Microsoft Build 2025—कंपनी का वार्षिक डेवलपर सम्मेलन—के दौरान कई बड़ी घोषणाएं की हैं। अपने मुख्य भाषण (कीनोट) में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति की जानकारी दी, जिनमें GitHub Copilot के नए अपडेट, उन्नत AI एजेंट क्षमताएं, और xAI तथा OpenAI जैसी अग्रणी AI कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारियाँ शामिल हैं।

लेकिन मामला यहीं तक नहीं रुका—उनके भाषण के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने मंच पर चढ़कर “फ्री फिलिस्तीन” का नारा लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यह Microsoft के इज़राइली सरकार के साथ किए गए विवादास्पद क्लाउड अनुबंध की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास था। इस अप्रत्याशित घटना और हाई-प्रोफाइल घोषणाओं के चलते सत्या नडेला आज तकनीकी दुनिया और राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं।

अब सत्य नडेला सिर्फ AI इनोवेशन के लिए नहीं, बल्कि एक राजनीतिक विवाद के केंद्र में भी हैं।

Satya Nadella कौन हैं?

Satya Nadella भारतीय मूल के एक प्रसिद्ध बिज़नेस एक्जीक्यूटिव हैं, जो इस समय Microsoft के CEO और चेयरमैन हैं। उन्होंने 2014 में स्टीव बाल्मर (Steve Ballmer) की जगह CEO का पद संभाला और 2021 में जॉन डब्ल्यू. थॉम्पसन ( John W. Thompson ) के बाद चेयरमैन बने।

CEO बनने से पहले, वे Microsoft के क्लाउड और एंटरप्राइज ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष थे, जहाँ उन्होंने Microsoft Azure को ग्लोबल लीडर बनाने में अहम भूमिका निभाई।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सत्या नडेला का जन्म 19 अगस्त 1967 को हैदराबाद में एक तेलुगु-भाषी हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता बी. एन. युगंधर IAS अधिकारी थे और उनकी माँ प्रभावती संस्कृत की लेक्चरर थीं।

उन्होंने पढ़ाई की:

सत्य नडेला के नेतृत्व में Microsoft का कायाकल्प

नडेला के नेतृत्व में Microsoft ने कई क्रांतिकारी परिवर्तन किए:

Microsoft Build 2025 में विरोध प्रदर्शन

Microsoft Build 2025 सम्मेलन के दौरान, जब नडेला मुख्य भाषण दे रहे थे, एक प्रदर्शनकारी ने मंच पर चढ़कर “फ्री फिलिस्तीन!” चिल्लाते हुए Microsoft के इज़राइली सैन्य अनुबंध का विरोध किया।

यह विरोध Microsoft के “Project Nimbus” क्लाउड डील के खिलाफ था, जिसके तहत Azure तकनीक इज़राइली सरकार को दी जा रही है। इस कदम पर कर्मचारियों और मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है।

हालाँकि नडेला शांत रहे, लेकिन यह घटना अब Microsoft की नैतिक जवाबदेही और तकनीकी साझेदारियों पर सवाल खड़े कर रही है।

विरोध की वजह क्या थी?

Microsoft के एक कर्मचारी जो लोपेज़ (Joe Lopez) ने Build 2025 के कीनोट भाषण को बीच में रोकते हुए मंच पर चढ़कर “फ्री पलेस्टाइन” का नारा लगाया और Microsoft पर इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों में तकनीकी सहायता देने का आरोप लगाया।
जो लोपेज़ Microsoft के ही एक आंतरिक एक्टिविस्ट ग्रुप “No Azure for Apartheid (Noaa)” के सदस्य हैं।

मुख्य आरोप क्या है?

Microsoft का इजरायल सरकार के साथ 1.2 अरब डॉलर का एक कॉन्ट्रैक्ट है, जिसे “Project Nimbus” के नाम से जाना जाता है (यह प्रोजेक्ट Google के साथ साझा किया गया है)। इस समझौते के तहत इजरायल को AI और क्लाउड सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं।

आलोचकों का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल फिलिस्तीनियों की निगरानी या सैन्य अभियानों में किया जा सकता है।

आज क्यों जरूरी है सत्या नडेला पर ध्यान देना

2025 में, सत्या नडेला सिर्फ एक CEO नहीं — बल्कि उस नेतृत्व के प्रतीक हैं जो:

 

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