वरिष्ठ अभिनेता एक्टर आशीष वरंग का 5 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र के ठाणे स्थित वर्तक नगर के उनके आवास पर 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और हाल ही में दिसंबर में पीलिया से उबरने के बाद स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। हालांकि उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
आशीष वरंग अपनी दमदार अदाकारी और खासतौर पर पुलिस अधिकारियों की प्रभावशाली भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे। उन्होंने सूर्यवंशी, दृश्यम, मर्दानी, सिम्बा और एक विलेन रिटर्न्स जैसी कई हिट फिल्मों में अपनी अदाकारी से दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री का दिल जीता। उनके निधन की खबर से पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
एक्टर आशीष वरंग की मौत का कारण
एक्टर आशीष वरंग के निधन की आधिकारिक वजह फिलहाल सामने नहीं आई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। दिसंबर में उन्हें पीलिया हुआ था, जिससे वे हाल ही में उबरे थे। बताया जा रहा है कि इसके बाद उनका स्वास्थ्य लगातार प्रभावित रहा और अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उनकी मौत हो गई। अभी तक परिवार या डॉक्टरों की ओर से किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
आशीष वारंग कौन थे?
आशीष वरंग का जन्म 1 जनवरी 1970 को मुंबई, भारत में हुआ था। उन्होंने बॉलीवुड और मराठी सिनेमा दोनों में एक सम्मानित और स्थिर करियर बनाया। वे खास तौर पर पुलिस अधिकारियों और अधिकारपूर्ण किरदारों को गहराई और यथार्थवाद के साथ निभाने के लिए जाने जाते थे। मराठी टेलीविजन, फिल्मों और विज्ञापनों में भी उन्होंने व्यापक रूप से काम किया।
भले ही वे अक्सर सहायक भूमिकाओं में दिखाई दिए, लेकिन उनकी सशक्त अदाकारी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ जाती थी। अपने करियर के दौरान उन्होंने अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अजय देवगन, रानी मुखर्जी, रणवीर सिंह और जॉन अब्राहम जैसे दिग्गज सितारों के साथ काम किया और इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई।
आशीष वारंग का करियर
एक्टर आशीष वरंग ने अपने अभिनय सफर की शुरुआत मराठी टेलीविज़न और विज्ञापन प्रोजेक्ट्स से की। यहाँ उनकी अदाकारी को खूब सराहना मिली और इन शुरुआती भूमिकाओं ने उन्हें ज़मीनी व यथार्थवादी अभिनय शैली विकसित करने में मदद की, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी। मराठी इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के बाद उन्होंने धीरे-धीरे बॉलीवुड का रुख किया और कई फिल्मों में सहायक भूमिकाएँ निभाईं। वे अधिकतर पुलिस अधिकारियों या अधिकारपूर्ण किरदारों में नज़र आए और इन भूमिकाओं को उन्होंने बड़ी सहजता और गहराई से निभाया।
उनके करियर का असली मुकाम तब बना जब वे मर्दानी (रानी मुखर्जी के साथ), दृश्यम (अजय देवगन के साथ), सिम्बा और सूर्यवंशी (रणवीर सिंह और अक्षय कुमार के साथ) जैसी सफल फिल्मों में नज़र आए। इन फिल्मों ने उन्हें पहचान दिलाई और दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया। इंडस्ट्री में वे अपने अनुशासन, विनम्र स्वभाव और पेशेवर अंदाज़ के लिए जाने जाते थे, जिसके चलते सहकर्मी और बड़े सितारे भी उनका सम्मान करते थे।
एक्टर आशीष वरंग की आख़िरी फिल्म
एक्टर आशीष वरंग की अंतिम फिल्म “बॉम्बे” थी, जिसका निर्देशन संजय निरंजन ने किया है। यह एक बहुभाषी प्रोजेक्ट है, जिसे हिंदी, मराठी, कन्नड़ और तेलुगु भाषाओं में शूट किया गया है। इस फिल्म के ज़रिए उनकी कला का दायरा और विभिन्न भाषाई दर्शकों तक उनकी पहुँच का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। “बॉम्बे” में उनका योगदान उनके लंबे और सम्मानित करियर की एक अहम झलक पेश करता है।
फिल्म उद्योग की ओर से श्रद्धांजलि
एक्टर आशीष वरंग के निधन की खबर सामने आते ही फिल्म और टीवी जगत में शोक की लहर दौड़ गई। सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (CINTAA) ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश साझा करते हुए लिखा – “CINTAA expresses its condolences on the demise of Ashish Warang ji. #RIP #condolence”। एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता ने भावुक होते हुए लिखा – “शॉक्ड टू हियर अबाउट द पासिंग ऑफ एक्टर आशीष वरंग टुडे। आई हैड द प्रिविलेज ऑफ वर्किंग विद हिम। मे हिज़ सोल फाइंड पीस एंड हिज़ वर्क लाइव ऑन इन द मेमोरीज़ ही हेल्प्ड क्रिएट।” इसके अलावा, प्रशंसकों और सहकर्मियों ने भी सोशल मीडिया पर दुख और संवेदना व्यक्त करते हुए प्रार्थना की कि उनकी आत्मा को शांति मिले।
एक्टर आशीष वरंग को सिर्फ सूर्यवंशी, मर्दानी, दृश्यम और एक विलेन रिटर्न्स जैसी फिल्मों में निभाए गए उनके यादगार किरदारों के लिए ही नहीं, बल्कि सेट पर उनकी विनम्रता, अनुशासन और पेशेवर अंदाज़ के लिए भी हमेशा याद किया जाएगा। दिग्गज कलाकारों के साथ काम करते हुए उन्होंने चुपचाप इंडस्ट्री में अपना सम्मान हासिल किया और बॉलीवुड तथा मराठी सिनेमा दोनों में सहकर्मियों की प्रशंसा पाई। अपनी अनोखी शैली और सादगी से उन्होंने साबित किया कि वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक प्रिय व्यक्तित्व थे। उनकी अदाकारी और व्यक्तित्व की छाप हमेशा उन लोगों के दिलों में ज़िंदा रहेगी जिन्होंने उन्हें जाना और उनके साथ काम किया।
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