तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति: NEP 2020 से अलग, सिर्फ दो-भाषा फॉर्मूला

तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति: NEP 2020 से अलग, सिर्फ दो-भाषा फॉर्मूला

तमिलनाडु के सरकार ने केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति National Education Policy (NEP) 2020 को हटाकर, तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति Tamil Nadu Education Policy (TEP) का अनावरण किया है। नीति में ग्यारहवीं कक्षा के लिए सार्वजनिक परीक्षाओं को समाप्त करने, दो भाषाओं के फॉर्मूले (तमिल और अंग्रेजी) को अपनाने जैसे बदलाव किए गए हैं। यह नई नीति उच्च शिक्षा में नामांकन को 100% तक बढ़ाने और छात्रों में आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति रचनात्मकता, समानता और समग्र विकास पर जोर देती है।

विशेषज्ञों से परामर्श और सिफारिशें प्राप्त करने के बाद, राज्य ने अंततः अगस्त 2025 में नीति का अनावरण किया है। नीति को प्राथमिक Primary level से लेकर उच्च शिक्षा स्तर Higher level  तक सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा। राज्य का उद्देश्य सामाजिक न्याय को बनाए रखना, अपनी भाषाई पहचान की रक्षा करना और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा सुनिश्चित करना है। नई शुरू की गई नीति, एनईपी के तीन भाषा फार्मूले को खारिज करती है, इसे क्षेत्रीय स्वायत्तता और समानता के लिए खतरा बताकर निंदा करती है।

भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और उसका तीन-भाषा फॉर्मूला

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का मूल विचार भारत की दो मूल राष्ट्रीय भाषाओं के साथ, तीन भाषाओं के अध्ययन को बढ़ावा देता है। यह नीति राज्यों और स्कूलों को क्षेत्रीय और सांस्कृतिक प्राथमिकताओं के आधार पर भाषाएँ चुनने की अनुमति देने है। NEP 2020, हिंदी भाषा को अनिवार्य नहीं बनाती है। राज्य अंग्रेजी के साथ-साथ किसी भी अन्य भारतीय भाषा का विकल्प चुन सकते हैं। इस नीति का उद्देश्य संचार कौशल, सांस्कृतिक और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ाने के लिए बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना है। नीति में अंग्रेजी को दक्षता के लिए अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में भी बरकरार रखा गया है।

तमिल नाडु में दो भाषा नीति अपनाने का वजह

तमिल नाडु में दो भाषा नीति अपनाने का वजह

तमिलनाडु राज्य में भाषाई गौरव की मजबूत परंपरा है। इनका मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) हिंदी भाषा को बढ़ावा देती है, जिसको लेकर इस राज्य में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं। नई शिक्षा नीति, तमिलनाडु के समावेशी और तर्कसंगत द्रविड़ शिक्षा मॉडल के साथ-साथ समथुवा काल्वी (समानता के लिए शिक्षा) और पगुथारिवु काल्वी (तर्कसंगत विचार के लिए शिक्षा) पर विशेष जोर देती है। भाषाओं का बोझ बढ़ाने के बजाय, इसका उद्देश्य छात्रों में आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और वैचारिक स्पष्टता को प्रोत्साहित करना है।

लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा –

“केंद्र सरकर हिंदी के लिए, NEP को इस्तेमाल करके पिछले दरवाजे से प्रबेश करना चाहता है।”

तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषताएं

8 अगस्त, 2025 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने चेन्नई के अन्ना शताब्दी पुस्तकालय सभागार में आधिकारिक तौर पर अपनी राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) का शुभारंभ किया।

तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति में नीचे उल्लिखित निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं।

द्विभाषा नीति

सत्तारूढ़ सरकार ने त्रिभाषा सूत्र वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। वह द्विभाषा (तमिल और अंग्रेजी) सूत्र लेकर आई है। तमिल को मातृभाषा और सांस्कृतिक पहचान के रूप में महत्व दिया गया है।

छात्र-केंद्रित शिक्षा

तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति

नई शुरू की गई तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और पूछताछ-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। नीति ने छात्रों को याद करने के अभ्यास से मुक्त कर दिया है और उन्हें केवल तथ्यों को याद करने के बजाय सोचने और प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया है।

ग्यारहवीं कक्षा के लिए कोई सार्वजनिक परीक्षा नहीं

यह नीति छात्रों के परीक्षा तनाव को कम करने और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। यह NEP द्वारा प्रस्तावित कक्षा 3, 5 और 8 के लिए सार्वजनिक परीक्षाओं को भी अस्वीकार करती है।

स्कूल मार्क के आधार पर कॉलेज की प्रवेश

New education policy of Tamil Nadu - two language formula

कॉलेज स्तर की शिक्षा के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। कला और विज्ञान के लिए कॉलेज प्रवेश कक्षा XI और XII के अंकों के आधार पर होता है, जो समानता और सुगम्यता को बढ़ावा देता है।

सामाजिक न्याय और समावेशन

राज्य का उद्देश्य धर्म, जाति, पिछड़ेपन आदि की परवाह किए बिना सभी के लिए शिक्षा निःशुल्क बनाना है। इसलिए यह अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यकों, आदिवासी बच्चों, लड़कियों और पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों पर विशेष ध्यान देता है, जिससे बाधा मुक्त बुनियादी ढाँचा तैयार होगा।

NEP और TN नीति में मुख्य अंतर

नीचे दी गई तालिका से हम NEP 2020 और तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति SEP के बीच मुख्य अंतर जान सकते हैं ।

पहलू NEP 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) SEP 2025 (तमिलनाडु राज्य शिक्षा नीति)
भाषा नीति तीन-भाषा सूत्र — हिन्दी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा दो-भाषा सूत्र — तमिल और अंग्रेजी
स्कूल परीक्षा कक्षा 3, 5, 8 में सार्वजनिक परीक्षा अनिवार्य कक्षा 3, 5, 8 की परीक्षा समाप्त; कक्षा 11 बोर्ड परीक्षा भी रद्द
स्नातक प्रवेश प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा प्रस्तावित कक्षा 11 और 12 के कुल अंकों के आधार पर प्रवेश; कोई प्रवेश परीक्षा नहीं
NEET रुख राष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षाओं का समर्थन NEET का विरोध, राज्य-स्तरीय प्रवेश पर जोर
शिक्षा का नियंत्रण शिक्षा समवर्ती सूची में — केंद्र और राज्य का साझा नियंत्रण शिक्षा को राज्य सूची में लाने की सिफारिश
शिक्षा का फोकस डिजिटल, व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा पर जोर विज्ञान, AI, अंग्रेजी और स्थानीय व्यावहारिक शिक्षा पर जोर
वित्तीय दृष्टिकोण पब्लिक–प्राइवेट साझेदारी को प्रोत्साहन सार्वजनिक निवेश को प्राथमिकता, निजीकरण का विरोध

 

अस्वीकरण: यह लेख वेबसाइटों से उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है। इसमें त्रुटियाँ हो सकती हैं। इसका उद्देश्य जानकारी प्रदान करना है न कि किसी की भावना को ठेस पहुँचाना।

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