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79th Independence Day: मोदी के भाषण में देश को हिला देने वाले 7 बड़े ऐलान!

79the Independence day

79th Independence Day के अवसर पर 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अब तक के सबसे लंबे भाषण—103 मिनट—में भारत को नए युग की दिशा दिखाने वाला विज़न प्रस्तुत किया। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से, जो भारत की संप्रभुता और अदम्य साहस का प्रतीक है।

सुबह 7:45 बजे उन्होंने राष्ट्रध्वज फहराने और 21 तोपों की सलामी के बाद भाषण की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता, विकसित भारत 2047 का रोडमैप और तकनीकी प्रगति जैसे अहम मुद्दों पर अपने विचार रखे, साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजलि दी और भविष्य के भारत की स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की।
आइए जानते हैं कि पीएम मोदी के भाषण में किन बातों पर चर्चा हुई और इससे देश को क्या लाभ होगा।

राष्ट्रीय गौरव और श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता में योगदान के लिए स्वतंत्रता सेनानियों और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान नेताओं की सराहना की। अपने संबोधन से पहले वे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सुरक्षा और रक्षा

अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाया और वीर जवानों को बधाई दी, जिसने भारत की अदम्य रक्षा क्षमता को प्रदर्शित किया। उन्होंने आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति दोहराते हुए कहा—“भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों में कोई भेद नहीं करेगा।” साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत न केवल परमाणु क्षमता से संपन्न है, बल्कि जनसांख्यिकीय चुनौतियों और सीमा पर घुसपैठ का सामना करने के लिए भी पूरी तरह तैयार है।

जल कूटनीति

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सिंधु जल संधि को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट कहा—“खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे।” भारत ने इस जल संधि का पालन न करने का निर्णय लिया है। इस संधि के तहत अब तक भारत की नदियों का पानी पाकिस्तान के खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल होता रहा है, जिसके कारण भारतीय किसानों को अपने ही खेतों में पानी की कमी का सामना करना पड़ता था। मोदी के इस निर्णय से उम्मीद है कि यह पानी अब देश के किसानों और उनकी फसलों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

 

प्रौद्योगिकी और नवाचार

79th Independence Day पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रौद्योगिकी, आत्मनिर्भरता, नवाचार और युवा नेतृत्व पर जोर दिया। उन्होंने घोषणा की कि भारत 2025 के अंत तक पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप्स आविष्कारक बनेगा। दशकों पहले खोए अवसर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब “मिशन मोड” में वैश्विक तकनीक में अपनी जगह बना रहा है।

युवा वैज्ञानिक लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी जेट इंजन डिज़ाइन करेंगे, जिससे ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों में सफलता मिलेगी। साथ ही, उन्होंने अंतरिक्ष नवाचार और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने का आग्रह किया तथा सुधांशु शुक्ला व उनकी टीम की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी पर बधाई दी।

ऊर्जा और पर्यावरण

प्रधानमंत्री मोदी का भाषण ऊर्जा और पर्यावरण के मुद्दों पर महत्वाकांक्षा से भरा हुआ था। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऊर्जा में आत्मनिर्भरता सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक मजबूती का भी प्रतीक है, क्योंकि “दूसरों पर निर्भरता हमें कमजोर बनाती है।”

उन्होंने बताया कि भारत ने 2030 का 50% स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य पहले ही 2025 में हासिल कर लिया है, जो सौर, हाइड्रोजन, परमाणु और जल विद्युत के तेज विकास के कारण संभव हुआ।उन्होंने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी नवाचारों के लिए खोलते हुए स्टार्टअप्स और उद्योगों को स्वदेशी समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

पीएम मोदी ने किसानों से उर्वरकों का सोच-समझकर इस्तेमाल करने की अपील की, क्योंकि अंधाधुंध उपयोग से मिट्टी को नुकसान पहुंच रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में भारत ने 56.47 लाख टन यूरिया आयात किया, जो पिछले वर्ष के 70.42 लाख टन से कम है, और यह प्रगति का संकेत है।

अंतरिक्ष और बुनियादी ढाँचा

79th Independence Day अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि विकसित भारत 2047 का अर्थ है पूरी तरह दूसरों पर निर्भरता से मुक्त होना। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन — भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन — बनाने की योजना का ऐलान किया। अपने संबोधन में उन्होंने सुधांशु शुक्ला और उनकी टीम को बधाई दी, जिन्होंने Axiom Mission 4 के तहत NASA, SpaceX, ISRO और Axiom Space के सहयोग से 20 दिन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए।

उन्होंने 300 से अधिक स्पेस-टेक स्टार्टअप्स की वृद्धि की सराहना की, जो सैटेलाइट तकनीक, अंतरिक्ष अन्वेषण और स्पेस-आधारित सेवाओं में नवाचार ला रहे हैं, और इसे भारत की नई अंतरिक्ष क्रांति का आधार बताया।

विकसित भारत का विजन

विकसित भारत 2047 का अर्थ है भारत को आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी और रणनीतिक रूप से विकसित बनाना, ताकि स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक देश पूरी तरह आत्मनिर्भर हो सके।

इस मिशन के चार स्तंभ हैं—

युवा (Youth): कौशल, रोजगार और नवाचार में विकास।

गरीब (Poor): गरीबी उन्मूलन और कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार।

महिलाएं (Women): आर्थिक निर्णयों, सुरक्षा और नेतृत्व में सशक्तिकरण।

अन्नदाता (Farmers): कृषि सुधार और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।

मुख्य लक्ष्य—

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